लेखक की कलम से
सन् 2010 की बात है कि दो महीने अमेरिका रहने के बाद जब मैं वापिस आया तो उस समय महाशिवरात्रि का समय नज़दीक था। सभी लोग इसी इंतजार में थे कि कब महाशिव अपनी समाधि से उठें और गुरुजी से सभी को आशीर्वाद मिले, जिसका हम लोग भी इंतज़ार कर रहे थे। मैं परम सुः…