एक लड़की, जिसकी उम्र लगभग सोलह साल की थी, ने किसी निराशा में आकर तेजाब पी लिया। उसके परिवार वाले दौड़ते हुए गुरूजी के पास आये और उनसे प्रार्थना की। गुरुजी ने अपने प्रिय शिष्य श्री आर. पी. शर्मा जी को आदेश दे कर भेज दिया कि वे उसे जूठा जल पिला दें। शर्मा जी ने जैसे ही उसे जल दिया, उसने उल्टी कर दिया। शर्मा जी ने दुबारा उसी तरह से उसे जल पिलाया और उसने फिर से उल्टी कर दिया।
शर्मा जी ने उसे, कई गिलास जूठा जल पिलाया। आखिर एक गिलास उसने पचा लिया और उसकी तबीयत में कुछ सुधार नजर आने लगा।
शर्मा जी ने उसके परिवार वालों को आदेश दिया कि वे लगातार पन्द्रह दिनों तक उसे स्थान पर लायें और इसी तरह जल पिलायें ताकि वह खतरे से बाहर हो जाए।
वह लड़की आज भी जीवित है। उसकी शादी भी हो गई और उसके बच्चे भी हैं। उसका पति भी गुरुजी में बहुत आस्था रखता है।