194. गुरुजी ने जन्म दिन पर 40 लोगों में बर्फी के टुकड़े वितरित किये। :: गुरुजी का एक संदेश : :

भानू ने बताया, वो मेरा 9वाँ जन्मदिन था और उसे मनाने के लिए हम गुरुजी के पास गुडगाँव जा रहे थे। यह परिवार के किसी भी सदस्य के जन्मदिन के…

193. गुरूजी के साथ भानू का व्यक्तिगत अनुभव।

12 साल का भानू, जो जैन साहब (दिल्ली के डी.एस. जैन) का बेटा है। गुरुजी के शिष्य होने के नाते, जैन साहब अपने साथ अपने बच्चों को, आशीर्वाद और सेवा…

192. एक व्यक्ति पंजाबी बाग स्थान पर आया और उसने वहाँ के चौकीदार के बारे में पूछा।

शाम का समय था, सामान्य रुप से स्थान पर लोग आ-जा रहे थे। दूसरे शिष्य जैसे जैन साहब और महाराज किशन सेवा कर रहे थे, जबकि मैं सेवा समाप्त कर,…

191. एक अस्सी साल की बूढ़ी औरत जो पंजाबी बाग स्थान पर नियमित रुप से आती थी।

अस्सी वर्ष की, सुन्दर दिल वाली एक आकर्षक महिला जो राजौरी गार्डन में रहती थी और जिसे सब लोग प्यार से राजौरी गार्डन वाली माता के नाम से सम्बोधित करते…

190. गुरूजी ने आधी रात को अपने शिष्य को दर्शन दिये और उसका जुड़ा हुआ कन्धा खोल दिया।

बात तब की है जब गुरुजी शरीर छोड़कर मोक्ष पद प्राप्त कर चुके थे। गुरुजी के एक शिष्य का कन्धा जुड़ चुका था। उससे एक भूल हो गई थी जिसका…

189. जब गुरुजी ने 1991 में ‘मोक्ष’ पद प्राप्त कर लिया।

अपनी दुर्लभ ईश्वरीय यात्रा से पहले गुरुजी पंजाबी बाग स्थान की ऊपरी मंजिल पर अपने जिस कमरे में विराजमान होते थे वो कमरा आज भी उसी तरह से सजा हुआ…

188. मुम्बई के श्रीकृष्णा ने —क्रीम बिस्कुट खरीदे।

श्रीकृष्णा मुम्बई के एक स्थान पर सेवा करता है और गुरजी को निरपेक्ष रुप से समर्पित है। कुछ सालों पहले, गुरुजी ने गुड़गाँव स्थान पर ही गुड़गाँव की एक और…

187. नीलमा गुरुजी के बिस्तर की साईड टेबल पर रोजाना एक गिलास पानी रखा करती थी।

जब गुरुजी पंजाबी बाग में थे तो नीलमा प्रतिदिन उनके बैड के साईड टेबल पर एक गिलास पानी रखा करती थी। यह कार्यक्रम गुरुजी के शरीर छोड़ने के उपरान्त भी…

186. आधी रात, गुरुजी का बेडरुम पंजाबी बाग में इन्दु प्रकाश के चेहरे पर थप्पड़।

चारू को संगीत सिखाने वाला अध्यापक, इन्दु प्रकाश यहाँ अक्सर आया करता था। एक दिन अभ्यास कराते समय उसे देर हो गयी और वो रात को पंजाबी बाग ही रुक…

185. गुरुजी ने कहा कि मैच का फैसला तो पहले से ही हो चुका है।

गुरुजी क्रिकेट के शौकीन थे। वे कभी-कभी टी.वी. पर मैच देख लेते थे। अक्सर सीताराम जी, एस.के.जैन साहब तथा कुछ अन्य शिष्यों के साथ टी.वी. पर मैच देखने का आनन्द…