गुरुदेव हर जगह हैं। हर किसी के दिल में… लेकिन फिर भी… समाधि पर, व्यक्ति अभी भी उसकी शारीरिक उपस्थिति को महसूस कर सकता है। स्थान की आभा एक व्यक्ति को अपने डर से मुक्त होने और सुरक्षित महसूस करने के लिए पर्याप्त है।

आग जलाई जाती है, पथ निर्धारित हो जाता है,

गुरुदेव के बच्चों, भूलना मत,

गुरुदेव की शिक्षा – दूसरों से लेना नहीं,

अपितु देना…और…माफ करना है,

और जब आप ये आसान काम करते हैं,

उनके लिए  जीना शुरू करते हैं,

जीवन से आगे बड़े, अपने गोल्स तय करके,

जीवन में सब कुछ आपको मिलेगा,

जब आप उनके  लिए प्रिय हो जाते हैं…

… जब वह पास है , तो फिर डर कैसा ।