धन्यवाद महानतम गुरुजी और माताजी। आज सुबह मैंने अपनी व्यावसायिक यात्रा पर जाने के लिए फ्लाइट ली । मैंने अपने होटल जाने के लिए एक टैक्सी वैन ली और उस वैन में और भी कई लोग थे। अपनी मंजिल पर पहुंचते-पहुंचते सब एक-एक कर उतरते गए और नीचे उतरने वाला मैं दूसरा व्यक्ति था। नीचे उतरने के बाद, मैंने चेक इन किया- होटल में। जब मैं अपने कमरे में था, मैंने अपने सैंपल बैग की तलाश शुरू की। जब मुझे वह कहीं नहीं मिली, तो मुझे याद आया कि मैं इसे टैक्सी वैन से वापसी उठाना भूल गया था।
मैं अपने आप से बहुत परेशान था और सोच रहा था कि क्या करूँ। मैं अपना बैग खोजने के लिए टैक्सी स्टैंड पर सभी टैक्सियों के पास इधर-उधर भागा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। टैक्सी ड्राइवरों सहित सभी लोगों ने मुझसे कहा, “तुम्हारा बैग चला गया, भूल जाओ, तुम्हें नहीं मिलेगा।”
और उस समय, जब मैं सड़क के कोने पर खड़ा था, मैं पूरी तरह से असहाय महसूस कर रहा था क्योंकि मेरी व्यावसायिक यात्रा बिना उन सैम्प्ल्स के बिलकुल असफल होती। फिर, मैंने बस अपनी आँखें बंद कर लीं और गुरुजी से प्रार्थना की। मैंने उनसे कहा कि कृपया मुझे इस स्थिति से बचाएं और मेरा विश्वास करें, पांच मिनट के भीतर, टैक्सी स्टैंड के नेता ने मुझे अपने आप बुलाया। उसने मुझसे पूछा कि क्या वह मेरे मोबाइल से कॉल कर सकता है क्योंकि उसके मोबाइल में बैलेंस नहीं था। टैक्सी स्टैंड के नेता ने उस टैक्सी की पहचान की जिसमें मैं यात्रा कर रहा था और फिर उसके चालक को फोन किया।
उसने ड्राइवर से पूछा कि क्या उसकी टैक्सी में किसी ने बैग छोड़ दिया है? ड्राइवर ने तलाशी ली और बताया कि हां, उसकी टैक्सी वैन में हरे रंग का एक बैग पड़ा है। वह हरा बैग मेरा था। मैं उस स्थान पर पहुँचा जहाँ टैक्सी वैन थी और अपने सैंपल बैग को सुरक्षित, स्वस्थ और बिना छुआ हुआ पाया। गुरुजी वास्तव में अपने बच्चों की देखभाल करते हैं, भले ही हम उनसे सात समुद्र दूर हों।
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, मैं कई सालों से भारत से बाहर रह रहा हूं लेकिन मेरा पूरा परिवार गुरुजी का कट्टर भक्त है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि उन पर विश्वास रखे और वह हमेशा हमारी रक्षा करने और हमें आशीर्वाद देने के लिए है। जय गुरुदेव।
प्रकाश सचानंदानी (मनीला, फिलीपींस)