घटना आश्चर्यजनक है लेकिन सत्य है। यह तब था जब गुरुदेव ने मुझे व्यावहारिक रूप से दिखाया कि कैसे उन्होंने लोगों की समस्याओं को अपने ऊपर ले कर उन्हें ठीक किया और फिर उन्हें दूर किया।
घटना 1984 की है, जब मैं गुरुदेव के साथ न्यूयॉर्क में था। वह वहाँ एक “स्थान” बनाने गए थे और यह हमारा सौभाग्य था, कि वह हमें अपने साथ ले गए।
एक दिन, हम न्यूयॉर्क की सड़कों पर एक बस में यात्रा कर रहे थे। मैं गुरुदेव के ठीक आगे वाली सीट पर बैठा था और मैंने आधी बाजू की कमीज पहनी हुई थी। मेरे बाएं हाथ पर, कोहनी के ठीक ऊपर, सफेद धब्बे के आकार में लगभग 2 – 3 सेमी व्यास में एक फूंगल इन्फ़ैकशन था। गुरुदेव ने मुझसे पूछा, “तुम्हारे हाथ में क्या है?” मैंने उन्हे इसके बारे में बताया। उन्होने सिर हिलाया, ठीक कहा, और हमारे बीच की संक्षिप्त बातचीत वहीं समाप्त हो गई।
शाम को गुरुदेव ने मुझे बुलाया, जब वे “पाठ” पर बैठने वाले थे (पवित्र मंत्रों का जाप। गुरुदेव लगभग प्रतिदिन “पाठ” करते थे)। उन्होंने मुझे उनके पैरों पर तेल मलने के लिए कहा, जब वे “पाठ” पर थे और मुझे मेरे मंत्रों का भी जाप करने के लिए कहा। (मंत्र कभी भी ऊंचे स्वर में नहीं बोले जाते।)
करीब डेढ़ घंटे के बाद गुरुदेव अपनी “समाधि” से उठे (“पाठ के दौरान, गुरुदेव इस दुनिया से संबंध तोड़ते थे। इस अवस्था को कहा जाता है” समाधि”) और मुझे बुलाया। उन्होने मुझे उनके हाथ पर इन्फ़ैकशन का एक छल्ला दिखाया, बिल्कुल उसी स्थान पर और उसी आकार का हालांकि यह सीजे में बहुत छोटा था।
मैं हतप्रभ रह गया। फिर उन्होने मुझसे कुछ बादाम का तेल लाने को कहा। उन्होने अपने हाथ पर उस स्थान पर थोड़ा सा तेल मला और उनके हाथ से छोटी सी जगह भी गायब हो गई। फिर उन्होने मेरे सिर पर हाथ रखा और कहा, “जाओ मेरे बच्चे, आज के बाद तुम्हें यह बीमारी कभी नहीं होगी।”
मैं अपने गुरु की महानता को नमन करता हूं। आज तक, 15 से अधिक वर्षों के बाद, मुझे अपने जीवन में फिर कभी वह समस्या नहीं हुई…….