गुरुजी गुड़गाँव में थे और अचानक एक गम्भीर समस्या मुम्बई में गुरुशिष्य ‘वीरजी’ के परिवार में आ गयी। ‘गुरुशिष्य वीरजी’ की भाँजी ने आत्महत्या करने की धमकी दे डाली थी। वीरजी ने गुरुजी से प्रार्थना की कि जल्दी आईए और उसके परिवार की रक्षा कीजिए…. || गुरुजी, तुरन्त वहाँ पहुंचे और लड़की को अपने कमरे में बुलाया। बड़े प्यार से गुरुजी ने उससे पूछा,—- ‘की गल ऐ पुत’ (क्या बात है बेटा) उस लड़की ने सुबकते हुए कहना शुरु किया— “गुरुजी, कल मेरी सगाई है और मेरे गाल पर देखो ये मुहासा है, मैं मेकअप कैसे करूंगी….!!”
वैसे, साधारण तौर पर देखा जाए तो यह कोई बड़ी समस्या नहीं थी। लेकिन उस लड़की ने इसे इतनी गम्भीरता से लिया कि उसकी बरदाश्त के बाहर था। इस बात को लेते हुए उसने कह दिया कि जब तक ये मुहासा ठीक नहीं होगा, वह सगाई नहीं करेगी। पूरा परिवार उसकी इस जिद्द के सामने अपने आपको असहाय महसूस कर रहा था। इसीलिए उन्होंने अपनी रक्षा हेतु गुरुजी से प्रार्थना की थी। अत्यन्त कोमल हृदय वाले गुरुजी, अपने सभी कार्यक्रम रद्द करके उनके घर मुम्बई पहुंच गए।
गुरुजी ने अपनी उंगली से मुहासे को छूआ और कहा—
“कल सुबह ये मुहासा नज़र नहीं आयेगा, लेकिन आत्महत्या का ख्याल दिमाग में कभी नहीं आना चाहिए। …वादा करो।” …..उस लड़की ने ‘हाँ’ बोल दी। मुम्बई वालों के लिए अद्भुत और अचरज की बात यह थी कि अगली सुबह उसके चेहरे पर मुहासा नहीं था। बाकायदा ढूंढने पर भी नज़र नहीं आया। परिवार के अतिरिक्त मुम्बई के भक्तगण भी अपनी ज़िन्दगी में इस अविश्वस्नीय चमत्कार को देखकर मंत्रमुग्ध हो गये।। एक बहुत बड़ा गुलाबी रंग का मुहासा, आठ घण्टे के अन्दर ही अदृश्य हो गया। कैसे…….? कृप्या गुरुजी आप ही बतायें…..कि …कैसे?
आप रब हो गुरुजी …..मेहर करो