गुड़गाँव स्थान पर, ‘बड़े वीरवार’ की सेवा चल रही थी। वहाँ एक छोटी सी लड़की, जिसका नाम पम्मी था और उसकी उम्र लगभग छः या सात साल की होगी, अपने अंकल के साथ आई।
वह देखने में तो बिलकुल स्वस्थ नज़र आ रही थी, लेकिन अचानक वह बेहोश होकर नीचे गिर जाती थी। उन्होंने उसे कई डॉक्टरों को दिखाया, लेकिन उसकी बीमारी का कोई पता नहीं चल पा रहा था।
गुरुजी ने उसे लौंग, इलायची और जल दिया और साथ में उसके अंकल को यह भी आदेश दिया कि उसे अगले ‘बड़े वीरवार’ पर गुड़गाँव जरुर लेकर आये। वह परिवार दो बार इस परेशानी के लिए स्थान पर आया और उसके बाद वह लड़की ठीक हो गई।
लेकिन फिर वह परिवार गुरुजी का आशीर्वाद लेने लगातार ही आने लगा और वह लड़की अब बिलकुल ठीक है।