कुछ ऐसे लोग, जो मेरे अपने सोशल सर्कल में भी आते हैं, उन्हें भी पता लगा कि गुरुजी ने मुझे कुछ आध्यात्मिक शक्तियाँ दी हैं और मैं अपने घर पर ही लोगों की सेवा करता हूँ ।
एक बार मेरी धर्मपत्नी की आन्टी ने उसे बताया कि उसकी बहू, (बेटे की पत्नी) पिछले छ: -आठ महीनों से सो नहीं सकी। वह चौबीसों घण्टे जागती ही रहती है। उसे नींद नहीं आती है। बहुत इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं। वह जानती थी कि मैं यहाँ सेवा करता हूँ। लिहाजा उसने मुझसे भी अपनी समस्या के बारे में बात की। मैंने उसे स्थान पर लाने को कहा और फिर मैंने उसे इलायची और जल दिया तथा गुरूजी से उसकी इस अनिद्रा की बीमारी, ठीक करने के लिए प्रार्थना भी की।
फिर एक दिन सुबह जब हमेशा की तरह कल्ब से टेनिस खेल कर लौटा, तो देखा कि मेरी पत्नी की आन्टी, मेरी पत्नी के पास बैठी हुई है। वह बोली—- ”आज मैं, अपनी बहू को लेकर आई हूँ। मैंने पूछा— कि वह कहाँ है? वह बोली—- ”वह स्थान पर बैठी है’
मैं स्थान के कमरे की तरफ गया तो देखा कि एक महिला, स्थान के कमरे में सोफे पर गहरी नींद में लेटी हुई है। आन्टी आश्चर्य से बहुत धीरे से बोली— ”ये क्या हुआ इसे….?”
वह मुझसे बोली— ”यह तो इतनी अधिक मात्रा में दवाईयाँ खा कर भी इस तरह से नहीं सोती थी जैसे कि इस समय यह सौफे पर सो रही है।”
क्या चमत्कार था….? वह कितने लम्बे अरसे के बाद, इस तरह से स्थान के कमरे में अपनी नींद का आनन्द ले रही थी। वह सौफे पर घण्टों सोई रही और फिर उसके बाद उसे, इस तरह की कोई समस्या नहीं आई।