एक बार गुरुजी के पहले शिष्यों में से एक, श्री एफ. सी. शर्मा जी, जो गुरुजी के विभाग में ही काम करते थे, आये और गुरुजी को अपनी परेशानी का कारण बताया। उनकी बेटी सुनीता की परीक्षा है और उसका फोन आया है कि उसने परीक्षा के विषय के बारे में जो कुछ भी याद किया था, वह सब भूल गई है। उसे कुछ भी याद नहीं हैं।
गुरूजी ने उनके एक दूसरे शिष्य एस. के. जैन साहब को कुछ आदेश देकर शर्मा जी के साथ, उनके घर भेजा और कहा कि ये काम करने के बाद तुम दोनों वहाँ पर रुकना नहीं।
जैन साहब ने एक गिलास में ठण्डा पानी लिया और उसमें कुछ आध्यात्मिक शक्तियाँ डाली और उन्होंने उसकी आँखों में जल के छीटे मार दिये।
उस लड़की को आशीर्वाद दिया। उसी समय उस लड़की को उसके विषय के बारे में सब कुछ याद आ गया और उसने अपनी परीक्षा दी और उसमें पास भी हो गई।