एक व्यक्ति, अपनी पत्नी को जिसके चेहरे की हालत बहुत खराब व बिगड़ी हुई थी, गुरूजी के पास लेकर आया और उन्हें बताते हुए प्रार्थना करने लगा कि गुरुजी यह मेरी पत्नी है। यह पहले बहुत खूबसूरत थी। लेकिन अचानक इसका चेहरा पहले सफ़ेद होने लगा और फिर धीरे-धीरे पिछले कुछ सालों में उसकी हालत दिन-ब-दिन और बिगड़ती चली गई और इसका चेहरा बदसूरत होता चला गया। हमने इसका बहुत इलाज करवाया, लेकिन कोई भी इलाज इसे ठीक नहीं कर सका।
उसकी हालत बहुत ही खराब थी। उसका चेहरा बिलकुल गला हुआ सा लग रहा था। उसकी आँखों का नीचे का हिस्सा बहुत झुलसा हुआ था और आँखें खुली और सामान्य से काफी नीचे लटकी हुई थीं। गुरूजी ने मुझे उसे काली मिर्च और जल देने का आदेश दिया। एक हफ्ते के बाद वह दुबारा आई, उसे देखकर मुझे अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हुआ……!! उसके चेहरे का रंग बाऊन और करीब-करीब उसके शरीर के रंग जैसा हो चुका था और उसकी आँखों के नीचे का भाग भी लगभग आधा ठीक हो गया था। वह तो ठीक हो गई थी….!! वाह गुरुजी……!! चार साल पुरानी बीमारी एक हफ्ते में ठीक………!! और वह भी बिना किसी दवाई के?
यह अविश्वस्नीय कार्य था। और
एक अप्रत्याशित बदलाव भी। गुरूजी कहने लगे, “राज्जे, तू इनके अन्दर से निकली दुआऐ सुन… ये दुआऐं, इनके अन्दर बैठे भगवान की आवाज़ हैं।”
मैंने गुरुजी से पूछा कि गुरूजी इस महिला को यह कौन सी बीमारी थी जो आपने सिर्फ एक हफ्ते में ही ठीक कर दी…!!
गुरूजी ने बताया कि एक आदमी इससे शादी करना चाहता था लेकिन इसकी शादी किसी दूसरे आदमी से हो गई। पहले वाले आदमी ने एक तांत्रिक से मिल कर तंत्र-क्रिया द्वारा, इसको बदसूरत बनाने के लिए यह घृणित कार्य किया था।
इस बीमारी का कोई इलाज नहीं था। केवल आध्यात्मिक शक्तियों से परिपूर्ण काली मिर्च ही इसे ठीक कर सकती हैं।