उस समय के कुछ दुर्लभ क्षण जब गुरुदेव ने मानव रूप को सुशोभित किया था। व्यक्तिगत घटनाओं को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

– (श्री राजपॉल सेखरी द्वारा लिखित – गुरुदेव के प्रमुख शिष्यों में से एक)

लेखक की कलम से

अविश्वसनीय झलकियाँ (Un-believable Glimpses) गुरुजी की स्तुति का गायन है, कोई पुस्तक नहीं है ये.. . किसी भी भाग में कथित कोई भी घटना गुरुजी की आभा और उनके ईश्वर…

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154. चारु का निमोनिया, गुरूजी ने एक चुटकी भर तुम्बे की अजवायन से ठीक कर दिया।

कुल्लू (रायसेन) में, मनीष व मन्जु सूरी के निवास पर गुरुजी ने अपना स्थान बनाया हुआ है। मातारानी व उनके बच्चे रेणु, इला, बब्बा, छुटकी व नीटू के साथ इन्दु,…

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155. गुरुजी के विख्यात शिष्य, एफ. सी. शर्मा शिष्यों में पहले हैं जिन्होंने, गुरु-पूर्णिमा पर गुरू-पूजा की शुरुआत की।

एक सुबह एफ. सी. शर्मा जी की माताजी ने, जो एक पवित्र आत्मा थी, मार्ग दर्शन हेतु अपने पुत्र से पूछा कि आज गुरट-पूर्णिमा है, तो क्या उसने अपने गुरु…

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157. गुरुजी ने कहा, मुझे उसकी चिट्ठियाँ पढ़ने के लिए हैदराबाद जाना पड़ता है।

जैसा कि हमारी सामाजिक परिस्थितियों में होता है, एक नवविवाहिता युवती को अपने ससुराल में निबाह करने के लिए कुछ परेशानियाँ झेलनी पड़ती हैं और ऐसे ही एक लड़की को…

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158. गुरुजी ने कहा, “मैं तेरी घुटने की दर्द आने वाले सूर्य ग्रहण के दिन ठीक कर दूंगा।”

एक 6 वर्षीया लड़की, जो पहली कक्षा में पढ़ती थी अपने दाहिने घुटने की दर्द से परेशान थी, डॉक्टरों ने उसकी माँ से कहा कि बचपन में भाग्यवश पोलिओ की…

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159. गुरूजी ने सर्वव्यापी-सर्वज्ञता के एक हिस्से का ज्ञान दिया।

मेरे पति अक्सर गुरुजी के पास जाया करते थे। मगर मेरा विश्वास बिलकुल नहीं था। मेरे पति मुझे मनाने की भरपूर कोशिश करते, मगर मैं नहीं मानती थी। एक दिन…

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160. दिनेश ने 4 लोगों से एक फ्लैट की खरीद के लिए ₹12 लाख लिये।

यह झलकी न तो पूर्णतया संसारिक है और न ही पूर्णतया आध्यात्मिक। यह तो सिर्फ गुरुजी के प्रति समर्पण और अटूट विश्वास की है। मुम्बई के दिनेश भंडारे के परिवार…

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161. जब गुरुजी नागपुर के दुअर पर सुरेन्द्र तनेजा, सीताराम जी व एस. के. जैन साहब को साथ ले गये।

एक और सुन्दर घटना नागपुर में घटित हुई, जब सोमवार के उपवास के दिन भोजन पूरा पूरा ही था। सोमवार की रात थी, आलू की सब्जी और चपातियाँ सीताराम जी…

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162. गुरुजी ने मोन्टी की माँ को चूरन दिया और रसौलियाँ पेट से बाहर निकल आई।

सन् 1989 की बात है। मोन्टी सेठ और उसके माता-पिता, गुड़गांव के सैक्टर 7 वाले स्थान पर गये और मोन्टी सेठ ने गुरुजी से अपनी माँ की सेहत के लिए…

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163. उसने पूछा क्या वह कभी माँ बन सकेगी..? और गुरूजी ने कहा, एक नहीं, …तुम्हें दो पुत्र होंगे।

गुरुजी गुड़गांव में अपने शयनकक्ष में थे। उस दिन कुछ चुने हुए लोगों को, उनके दर्शन के लिए अनुमति दी गई थी। वहाँ मेरे भतीजे की पत्नी पिंकी को भी…

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164. गुरुजी ने मुझे एक प्यार भरी डाँट लगाते हुए कहा, क्या तुमको लगता है कि मैं इसी तरह दुबला-पतला (Slim) ही रहूँगा…?

“गुरू-पूर्णिमा” यह अति विशिष्ट दिन था। लगभग दो-तीन दिन का समय गुरु-पूजा के लिए शेष रह गया था और गुड़गाँव स्थान पर हर जगह लोगों की असाधारण भीड़ देखी जा…

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165. शिवरात्रि के लिए खेत से आलुओं की खुदाई।

‘शिवरात्रि’ के दिन थे। हम सब गुड़गाँव में पूर्णरुप से गुरुदेव की शरण में थे। शिवरात्रि के दिन की प्रतीक्षा कर रहे सभी शिष्यों और भक्तों ने देश के चारों…

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166. जब गुरुजी ने मुम्बई की उपनगरी खार में स्थान खोलने और सन्नी को सेवा करने का आदेश दिया।

सन् 1991 की बात है, जब गुरुजी ने सन्नी (पुन्चू के पति) को पंजाबी बाग में अपने कमरे में बुलाया। उसे आध्यात्मिक शक्तियाँ देने के बाद आदेश दिया कि उसने…

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167. गुरुजी का फोन आया कि वापिस आने से पहले पुन्चू को एक कार खरीद कर दे दो।

मैं मुम्बई गया हुआ था और पुन्चू मेरी बेटी है। अस्सी के दशक के शुरु की बात है कि गुरुजी ने मुझे कुछ दिनों के लिए बम्बई जाने का आदेश…

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168. एक तरुण कन्या जिसे पागलपन के दौरे पड़ते थे, गुरुजी ने अपनी आध्यात्मिक पिटाई से ठीक कर दिया।

रीटा नाम की एक तरुण कन्या, जिसे काफी समय से पागलपन के दौरे पड़ते थे, गुरुजी के पास अक्सर आती थी। उसके परिवार वाले इस बात को लेकर हैरान थे…

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169. गुरूजी का मेरी फरीदाबाद वाली बहन के प्रति इतना सुकोमल हृदय।

मेरी बहन दमन प्रकाश, जो फरीदाबाद में रहती हैं अपनी टाँग में होने वाली तीव्र दर्द से परेशान थीं। सौभाग्यवश, एक बड़े वीरवार के दिन वह गुडगाँव पहुंच गयी और…

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170. गुरुजी ने कहा कि चावल का दूसरा चम्मच क्यों नहीं खा सका, जब तुझे बेहद भूख लगी हुई थी।

गुरुजी के आदेशानुसार मैं अपने घर पंजाबी बाग में हर शनिवार को सेवा करता था। यह सेवा सुबह से शाम तक चलती थी। दोपहर को दो बजे के बाद, आए…

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171. जब एक संत, साधू के वेश में मुझे मेरे घर के गेट पर मिला और रोका जब मैं ऑफिस जाने के लिए निकलने ही वाला था।

अपने नियमित कार्यक्रम के अनुसार, मैं अपने शोरुम जाने के लिए अपनी गाड़ी में बैठा और जाने के लिए निकलने ही वाला था कि मुझे किसी संत ने, जो साधू…

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172. ज्वाला माता मंदिर पर, –लोहे की चेनों से बंधा हुआ एक विक्षिप्त उन्मत्त तपस्वी।

सत्तर के दशक के शुरुआती दिनों में गुरूजी हिमाचल प्रदेश के पर्वतों में यात्राऐं किया करते थे। हालाँकि इन यात्राओं का कार्यक्रम उनके ऑफिस वाले बनाते थे, परन्तु इनकी रुपरेखा…

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173. गुरुजी —एक फ़राक दिल मालिक –औपचारिक नारियल भेंट और एक शिष्य।

हर वर्ष की तरह, गुडगाँव स्थान पर ‘गुरु-पूर्णिमा’ मनाई जा रही थी। हजारों की संख्या में भक्तजन गुरुजी को नारियल भेंट कर रहे थे। स्थान हाल में एक सुसज्जित सीट…

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174. गुरुजी के रुमाल का स्वरुप और उसका कमाल…! लोगों के चहेते फिल्म स्टार को ईश्वर द्वारा निश्चित् मृत्यु से छुटकारा ।

एक मशहूर अभिनेता किसी घाव के कारण बम्बई के एक विख्यात अस्पताल में भर्ती था। हर तरह का उपचार करने के बावजूद, घाव से कुछ तरल पदार्थ बाहर आता जा…

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175. गुरुजी ने मुझे धर्मशाला चलने का संदेश भेजा, और मेरी माँ उस समय मृत्यु-शैय्या पर थी।

सुबह का समय था। मेरे निवास स्थान पंजाबी बाग पर मेरे भाई बहनें और उनके परिवारों के समस्त सदस्य एकत्रित थे। काफी समय से बीमार रहने के कारण आज डॉक्टर…

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176. गुरुजी ने उसकी जाँघ और घुटने पर हाथ रखे और पुन्चू की टाँग की टूटी हड्डियाँ जोड़ दी।

सन् 1985 की घटना है जब बहुत सारे लोग हरिद्वार जा रहे थे। रास्ते में एक बस के साथ टक्कर हुई और कार में बैठी मेरी बड़ी बेटी पुन्चू की…

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177. गुरुजी ने, एक वृद्ध दम्पति के लिए अपने कमरे में आधा घंटा प्रतीक्षा की।

एक दिन सुबह-सुबह गुरुजी अपने कमरे में बैठे थे। बिट्टू उनकी सेवा में था। उन्होंने कहा, बेटा मुझे खाना दे दो और फार्म के लिए कुछ लोगों के लिए खाना…

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178. गुरुजी के आशीर्वाद का कड़ा मनुष्य की सोच से बहुत आगे…. (गुरूजी का कड़ा “एक उत्कृष्ट शक्ति”)

आमतौर पर इसका नाम चूड़ी, कंगन इत्यादि जाना जाता है और आम लोग इसे खरीद कर सजावट के लिए अपने आप पहन लेते हैं। महिलाएं सोने, चाँदी इत्यादि की धातु…

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179. माताजी ज्ञान की अवतार हैं।

माताजी ने शिष्यों को लुभाने और उन्हें उनके आध्यात्मिक लक्ष्यों तक पहुंचाने का कार्य चुपचाप किया। शक्ति की अवधि, दीवाली पूजा की रात के बाद सुबह से शुरु होती है।…

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180. गुरुजी ने नागपाल को एक बेटे के लिए वरदान दिया।

गुड़गाँव का नागपाल, गुरुजी का ऐसा शिष्य था, जिसे वे बहुत प्यार करते थे। उसकी तीन वेटियाँ थी लेकिन उसे चौथे बच्चे की तम्मना थी। लेकिन वह बेटे के लिए…

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181. गुरूजी ने जम्मू के राजू को अपनी माँ की मेडिकल जाँच कराने से मना कर दिया।

करीब 1988-89 की बात है। जम्मू में राजू नाम का एक भक्त सेवादार है। लेकिन गुरुजी के प्रति विश्वास में उसकी माँ, उससे कहीं आगे है। वह अपना एक आरामदायक…

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182. दो महिलाएं आई और एक ने दूसरी महिला की गुम सोने की चेन की पुनः प्राप्ति (Recovery) की प्रार्थना की।

यह घटना शिवपुरी स्थान से सम्बन्धित है, जहाँ गुरुजी ने मानव जाति के लिए एक अनदेखी व अभूतपूर्व सेवा शुरु की थी। वहाँ हर एक व्यक्ति चाहे वह किसी भी…

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184. गुरुजी ने ‘नजर फ्लू’ (Eye Flu) को बम्बई पहुँचने से कुछ दिन पहले ही देख लिया था।

गुरुजी कुछ शिष्यों को साथ लेकर बम्बई पहुंचे और हमेशा की तरह सेवा शुरु कर दी। इतने में अचानक उन्होंने संदीप सेठी को बुलाया और आदेश दिया कि वह फौरन…

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185. गुरुजी ने कहा कि मैच का फैसला तो पहले से ही हो चुका है।

गुरुजी क्रिकेट के शौकीन थे। वे कभी-कभी टी.वी. पर मैच देख लेते थे। अक्सर सीताराम जी, एस.के.जैन साहब तथा कुछ अन्य शिष्यों के साथ टी.वी. पर मैच देखने का आनन्द…

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186. आधी रात, गुरुजी का बेडरुम पंजाबी बाग में इन्दु प्रकाश के चेहरे पर थप्पड़।

चारू को संगीत सिखाने वाला अध्यापक, इन्दु प्रकाश यहाँ अक्सर आया करता था। एक दिन अभ्यास कराते समय उसे देर हो गयी और वो रात को पंजाबी बाग ही रुक…

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187. नीलमा गुरुजी के बिस्तर की साईड टेबल पर रोजाना एक गिलास पानी रखा करती थी।

जब गुरुजी पंजाबी बाग में थे तो नीलमा प्रतिदिन उनके बैड के साईड टेबल पर एक गिलास पानी रखा करती थी। यह कार्यक्रम गुरुजी के शरीर छोड़ने के उपरान्त भी…

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188. मुम्बई के श्रीकृष्णा ने —क्रीम बिस्कुट खरीदे।

श्रीकृष्णा मुम्बई के एक स्थान पर सेवा करता है और गुरजी को निरपेक्ष रुप से समर्पित है। कुछ सालों पहले, गुरुजी ने गुड़गाँव स्थान पर ही गुड़गाँव की एक और…

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189. जब गुरुजी ने 1991 में ‘मोक्ष’ पद प्राप्त कर लिया।

अपनी दुर्लभ ईश्वरीय यात्रा से पहले गुरुजी पंजाबी बाग स्थान की ऊपरी मंजिल पर अपने जिस कमरे में विराजमान होते थे वो कमरा आज भी उसी तरह से सजा हुआ…

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190. गुरूजी ने आधी रात को अपने शिष्य को दर्शन दिये और उसका जुड़ा हुआ कन्धा खोल दिया।

बात तब की है जब गुरुजी शरीर छोड़कर मोक्ष पद प्राप्त कर चुके थे। गुरुजी के एक शिष्य का कन्धा जुड़ चुका था। उससे एक भूल हो गई थी जिसका…

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191. एक अस्सी साल की बूढ़ी औरत जो पंजाबी बाग स्थान पर नियमित रुप से आती थी।

अस्सी वर्ष की, सुन्दर दिल वाली एक आकर्षक महिला जो राजौरी गार्डन में रहती थी और जिसे सब लोग प्यार से राजौरी गार्डन वाली माता के नाम से सम्बोधित करते…

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192. एक व्यक्ति पंजाबी बाग स्थान पर आया और उसने वहाँ के चौकीदार के बारे में पूछा।

शाम का समय था, सामान्य रुप से स्थान पर लोग आ-जा रहे थे। दूसरे शिष्य जैसे जैन साहब और महाराज किशन सेवा कर रहे थे, जबकि मैं सेवा समाप्त कर,…

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194. गुरुजी ने जन्म दिन पर 40 लोगों में बर्फी के टुकड़े वितरित किये। :: गुरुजी का एक संदेश : :

भानू ने बताया, वो मेरा 9वाँ जन्मदिन था और उसे मनाने के लिए हम गुरुजी के पास गुडगाँव जा रहे थे। यह परिवार के किसी भी सदस्य के जन्मदिन के…

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195. माताजी ने दो मार्च 2010 को एक आध्यात्मिक दिव्य दृश्य देखा।

2 मार्च 2010, सैक्टर-7, गुड़गाँव….. माताजी अपने कमरे में बैठी हुई थी। मैं उनके दर्शन पाकर धन्य हो रहा था। उनकी उपस्थिति मात्र से मैं परम आनन्दित हो रहा था।…

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196. न्यूयार्क के गोपाल को उसका खोया हुआ जेवरों का बैग, वापिस मिल गया –चंद मिनटों में…

जेवरों का व्यापारी गोपाल किसी दूसरे शहर में नुमाईश के अभिप्राय से न्यूयार्क से रवाना हुआ। नुमाईश हेतु बहुत सारे जेवर एक बड़े से कंधे वाले बैग में भर कर…

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198. गुरुजी ने तिवारी से कहा, “रहने दे कागज़ अपनी जेब में, …मैं जानता हूँ उसमें क्या लिखा है।”

दिल्ली निवासी तिवारी, अस्सी के दशक से गुरुजी की भक्ति में संलग्न है। औरों की तरह वह भी बड़े गुरुवार की प्रतीक्षा करता तथा लाईन में खड़ा होकर उनके दर्शन…

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200. गुरुजी ने पप्पू सरदार की कटी हुई ऊँगली का घाव ठीक कर दिया।

पप्पू-बिट्टू-गग्गु और निक्कू, यह चार लोग ऐसे थे जो गुरुजी की व्यक्तिगत सेवा में संलग्न रहते थे। लोगों से मिलकर जब गुरुजी अपने कमरे में आते तो ये उन्हें चाय…

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201. गुरूजी एक उच्चतम् अनुशासित और बच्चों के लिए एक सुकोमल हृदय रत्न।

बड़ा वीरवार था, हमारे जीवन का एक बहुमूल्य दिवस… हर महीने की तरह, मैं सुबह-सुबह गुडगाँव पहुंचा और गुरुजी के चरण-कमल छुए। मगर आशीर्वाद के बदले गालियाँ सुनने को मिली।…

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202. अपने गुरु के होते हुए तू दाता बन रहा है…? हाथ नीचे कर और गाड़ी चला।

यह घटना गुरुजी के रुप और उनके असीम ज्ञान का विवरण है। ऐसा उदहारण शायद ही कहीं और मिले। हर एक गुरु अपने शिष्य को ज्ञान देते हैं लेकिन इस…

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203. गुरुजी चारू के मन में आये विचार भी जान गये।

मेरी सबसे छोटी बेटी चारू स्ट्रा की मद्द से अपनी माँ को नारियल पानी पिला रही थी। उस समय उसकी माँ, गुलशन, बहुत अस्वस्थ थी। उसके एक्सीडेन्ट को हुए करीब…

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204. गुरूजी ने एक भटके हुए भक्त की दिशा बदल दी और उसके जीवन की रक्षा की।

उन दिनों जब गुरुजी ऑफिस के काम से टूअर लगाते थे तो अक्सर हिमाचल प्रदेश में ज़्यादा जाते थे। इसी तरह एक बार उन्होंने हिमाचल के एक छोटे से नगर…

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