“गुरुजी किसी भी समय किसी भी जगह पर मेरे साथ हैं” – वर्णनकर्ता – महेश आहूजा

यह घटना 15 नवंबर 2012 की है। मैं पुणे में रह रहा हूं और amp; वहाँ एक दुकान है। 15 नवंबर (2012) को भाई दूज की छुट्टी होने के कारण…

204. गुरूजी ने एक भटके हुए भक्त की दिशा बदल दी और उसके जीवन की रक्षा की।

उन दिनों जब गुरुजी ऑफिस के काम से टूअर लगाते थे तो अक्सर हिमाचल प्रदेश में ज़्यादा जाते थे। इसी तरह एक बार उन्होंने हिमाचल के एक छोटे से नगर…

203. गुरुजी चारू के मन में आये विचार भी जान गये।

मेरी सबसे छोटी बेटी चारू स्ट्रा की मद्द से अपनी माँ को नारियल पानी पिला रही थी। उस समय उसकी माँ, गुलशन, बहुत अस्वस्थ थी। उसके एक्सीडेन्ट को हुए करीब…

202. अपने गुरु के होते हुए तू दाता बन रहा है…? हाथ नीचे कर और गाड़ी चला।

यह घटना गुरुजी के रुप और उनके असीम ज्ञान का विवरण है। ऐसा उदहारण शायद ही कहीं और मिले। हर एक गुरु अपने शिष्य को ज्ञान देते हैं लेकिन इस…

201. गुरूजी एक उच्चतम् अनुशासित और बच्चों के लिए एक सुकोमल हृदय रत्न।

बड़ा वीरवार था, हमारे जीवन का एक बहुमूल्य दिवस… हर महीने की तरह, मैं सुबह-सुबह गुडगाँव पहुंचा और गुरुजी के चरण-कमल छुए। मगर आशीर्वाद के बदले गालियाँ सुनने को मिली।…

200. गुरुजी ने पप्पू सरदार की कटी हुई ऊँगली का घाव ठीक कर दिया।

पप्पू-बिट्टू-गग्गु और निक्कू, यह चार लोग ऐसे थे जो गुरुजी की व्यक्तिगत सेवा में संलग्न रहते थे। लोगों से मिलकर जब गुरुजी अपने कमरे में आते तो ये उन्हें चाय…

बड़ा गुरुवार – सेक्टर 10 स्थान पर माताजी द्वारा ‘ज्योत’ प्रकाश

प्रत्येक बड़ा गुरुवार की सुबह पूज्य माताजी द्वारा ‘ज्योत’ प्रज्ज्वलित करने के साथ शुरू होती है। तत्पश्चात “मीठी फुलियां” का प्रसाद चढ़ाने का सबसे महत्वपूर्ण कार्य स्थान पर शुरू होता…

199. जब माताजी को एक कार ने टक्कर मारी।

गुरुजी ने गुड़गाँव के सैक्टर 10-A के स्थान का निर्माण कार्य वर्ष 1986-87 में शुरु कर दिया था। एक दिन जब निर्माण कार्य चल रहा था, माताजी, चारू, रेनू, योगेश…

198. गुरुजी ने तिवारी से कहा, “रहने दे कागज़ अपनी जेब में, …मैं जानता हूँ उसमें क्या लिखा है।”

दिल्ली निवासी तिवारी, अस्सी के दशक से गुरुजी की भक्ति में संलग्न है। औरों की तरह वह भी बड़े गुरुवार की प्रतीक्षा करता तथा लाईन में खड़ा होकर उनके दर्शन…