198. गुरुजी ने तिवारी से कहा, “रहने दे कागज़ अपनी जेब में, …मैं जानता हूँ उसमें क्या लिखा है।”

दिल्ली निवासी तिवारी, अस्सी के दशक से गुरुजी की भक्ति में संलग्न है। औरों की तरह वह भी बड़े गुरुवार की प्रतीक्षा करता तथा लाईन में खड़ा होकर उनके दर्शन…