लेखक की कलम से
अविश्वस्नीय झलकियाँ – भाग-1, आकांक्षी गुरुभक्तों के लिए, आध्यात्म और गुरुभक्ति का एक सम्पूर्ण भोजन है। गुरूजी की असीम कृपा और समय-समय पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन से, गुरू ज्ञान के इच्छुक…
उस समय के कुछ दुर्लभ क्षण जब गुरुदेव ने मानव रूप को सुशोभित किया था। व्यक्तिगत घटनाओं को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
– (श्री राजपॉल सेखरी द्वारा लिखित – गुरुदेव के प्रमुख शिष्यों में से एक)
अविश्वस्नीय झलकियाँ – भाग-1, आकांक्षी गुरुभक्तों के लिए, आध्यात्म और गुरुभक्ति का एक सम्पूर्ण भोजन है। गुरूजी की असीम कृपा और समय-समय पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन से, गुरू ज्ञान के इच्छुक…
कुछ लोग, जिनमें श्री आर. पी. शर्मा, श्री मारवाह भी थे, कार से गुरुजी के दर्शन करने के लिए शिमला आये थे, आशीर्वाद देने के बाद गुरुजी ने उन्हें दिल्ली…
बेलीराम तक्खी, गुरुजी के एक शिष्य थे। वे अपनी बड़ी लड़की की शादी के लिए बहुत परेशान थे तथा अब उन्होंने अपना धैर्य भी खो दिया था। उनकी लड़की अपने…
एक बार गुड़गाँव स्थान पर एक महिला को उसके चार बेटे अपने कंधों पर उठा कर लाये। वह बहुत बीमार थी। अगर उसको एक भी झटका लग जाता तो वह…
सुरेन्द्र तनेजा, गुरुजी के मुख्य शिष्यों में से एक हैं जो कर्मयोगी है और अपने स्टोन क्रशर उघोग में कार्यरत हैं जब कभी उनके स्टोन क्रशर में कोई बाधा आती…
मेरी पत्नी गुलशन, चाँदनी चौक बाज़ार घर के लिये कुछ खरीदारी करने गई। खरीदारी करते समय उसने वहाँ कुछ लुंगियाँ देखीं और उसमें से दो लुंगियाँ गुरुजी के लिये खरीद…
एक बार मुझे व्यापार प्रदर्शनी (Trade Exhibition) में भाग लेने के लिए, शिकागो (अमेरिका) जाना पड़ा। मैंने सोचा कि कितना अच्छा हो यदि गुरूजी भी अमेरिका चलें और मेरी व्यवसायिक…
एक बार गुरुजी, अपने शिष्यों के साथ हरिद्वार गये और उनके साथ उनके अन्य शिष्यों के अलावा, जालन्धर वाले मामाजी और नदौन के संतोष भी थे। एक रात वहाँ पर…
शुरु-शुरु के दिनों में लोग इन्हें, गुरुजी की तरह नहीं जानते थे। वे भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर में एक भू-वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत थे। गुरुजी अपने दफ़्तर…
कृष्णा नामक नवयुवती, पंडित रामकुमार की भांजी को बार-बार दौरे पड़ते थे। दौरों के दौरान वह अक्रामक (Violent Behaviour) हो जाती थी। उसका परिवार उसके इस व्यवहार से बहुत परेशान…
श्रीवास्तव जी, गुरूजी के शिष्य हैं और ‘लखनऊ’ में सेवा करते हैं। निजी जीवन में उनका प्रकाशन का कारोबार है और वह वहाँ से ‘उत्थान की दिशा’ नामक एक आध्यात्मिक…
बहुत से बच्चे, जिनमें इन्द्रा, बिन्दु, परवानु की इला गुप्ता, रेनु, बब्बा, छुटकी, पप्पू, इन्दु, रूबी, राहुल तथा और भी बहुत से बच्चों को अपने साथ लेकर गुरुजी मद्रास गये।…
गुरुजी के पास, एक स्कूटर था। जिसे वे अक्सर अपने ऑफिस जाने के लिए प्रयोग करते थे। एक बार गुरुजी वही स्कूटर चला रहे थे और उनके पीछे उनके शिष्य…
गुरुजी के आशीर्वाद से जब मैंने, उनके साथ व्यापारिक विदेश-यात्रा (Business Trip) के लिये अमेरिका जाने का प्रोग्राम बनाया, तो गुरूजी ने अपनी स्वीकृति दे दी। इस बात से मैं…
मैं यहाँ आपकी जानकारी के लिये कुछ लिख रहा हूँ, जो एक अलग तरह के ज्ञान पर आधारित है। अतः इस पर गम्भीरता पूर्वक विचार करें। इसे समझने के लिये…
उत्तर प्रदेश के रहने वाले दूबे जी को, राजस्थान में स्थित अपनी जायदाद की कुछ समस्या थी। जो उसने वहाँ एक बैंक को किराये पर दे रखी थी। दूबे जी…
गुरूजी का जन्म स्थान, पंजाब के होशियारपुर जिले के हरियाना गाँव में है। गुरुजी अपने कुछ शिष्य, जिनमें सीताराम जी, सनेत के सुरेश जी, आर. पी. शर्मा जी तथा मैं,…
एफ. सी. शर्मा जी, गुरुजी के प्रारम्भिक शिष्यों में से एक हैं और आज भी उन्हीं के साथ जुड़े हुए हैं। उनकी धर्मपत्नी भी धार्मिक विचारों वाली हैं। वे अपना…
महा-शिवरात्रि का शुभ अवसर था और सभी शिष्य गुड़गाँव स्थान पर थे। हमेशा की तरह, असंख्य लोग देश-विदेश से इस अवसर पर गुड़गाँव आये हुए थे तथा स्थान के सभी…
नई दिल्ली के मायापुरी इलाके में मेरी एक स्टेनलेस स्टील के सिंक बनाने की फैक्ट्री है। यह उस समय की बात है, जब हम सिंक के लिये, टब (Tub) तथा…
महाराज-किशन गुरुजी के प्रिय शिष्यों में से एक हैं। गुरुजी अक्सर उन्हें “रामाकृष्णा” के नाम से ही बुलाते थे। महाराज-किशन, गुरुजी के पास उनके कमरे में थे कि अचानक गुरूजी…
गुरु पूर्णिमा के दिन चल रहे थे, एक दिन देर शाम की बात है स्थान लोगों की भीड़ से खचाखच भरा हुआ था। लोगों की संख्या सैंकड़ों में नहीं, हज़ारों…
एक बार मैं अपनी पत्नी तथा बेटियों के साथ रात के समय गुड़गाँव गया। वहाँ पहुँच कर हमने गुरुजी के पवित्र चरणों में प्रणाम किया। अचानक मेरी पत्नी ने गुरुजी…
मेरी फैक्ट्री का जनरल मैनेजर मि. अरोड़ा, एक कृत्रिम मिज़ाज ऑफिसर था जो सिर्फ अपने काम से मतलब रखता था। एक बार हम बैठे हुए साधारण बातचीत कर रहे थे…
गुरूजी ने मुझे, पंजाबी बाग स्थित मेरे निवास स्थान पर आध्यात्मिक शक्तियों द्वारा सेवा करने के लिये आशीर्वाद दिया है। मैं छुट्टी के दिन स्थान पर आये लोगों की शारीरिक…
उस दिन क्या परम-आनन्द-पूर्ण दिन था, गुरूजी अपने कमरे में प्रसन्नचित मुद्रा में बैठे हम सबका मनोरंजन कर रहे थे। इस तरह का माहौल हम सब के लिए कभी-कभी ही…
रेनुकाजी में, कई हफ्तों की लगातार सेवा के बाद गुरुजी ने अपने कुछ शिष्यों को सेवा के अन्तिम चरण के लिये बुलाया और सभी अपनी इस पवित्र यात्रा के लिये…
हमेशा की तरह मैंने पंजाबी बाग स्थान पर बैठकर सेवा शुरु की। लोग अपनी-अपनी बारी से एक के बाद एक मेरे पास आते और उनके जाने के बाद फिर किसी…
एक बार गुरुजी के बहुत से शिष्यों की मीटिंग चल रही थी। यह एक बहुत मजेदार मीटिंग थी। हर शिष्य गुरुजी के अविश्वस्नीय कार्यों से सम्बन्धित अपना-अपना व्यक्तिगत अनुभव बता…
मध्यान्तर (Interval) का समय, यह समय हम सब के लिये एक प्यार तथा मस्ती का समय होता था जिसमें हम साधारण बातचीत करते थे। इसमें गुरुजी, सभी शिष्यों को उनके…
गुरूजी ने, मेरी दो बेटियों के लिये गुड़गाँव स्थान पर दो लड़कों का चुनाव किया। गुरुजी ने मुझे बच्चों के शगुन करने के लिये एक छोटा सा समारोह करने की…
अस्सी के दशक की महाशिवरात्रि समारोह की बात है, सम्पूर्ण भारत के अलावा विश्व के अन्य देशों से भी लोग इसमें शामिल होने के लिए गुड़गाँव में एकत्र हुए थे।…
गुड़गाँव स्थान पर, गुड़गांव के एक उद्योगपति का जवान बेटा, जो प्रेत-ग्रसित था, अपने पिता के साथ आया और आते ही अव्यवहारिक बर्ताव करना शुरु कर दिया। वह ऐसे बर्ताव…
जम्मू के मुश्ताक मौहम्मद जाफरी के साथ मेरे व्यापारिक सम्बन्ध थे। एक बार वे अपनी पत्नी और बेटे के साथ दिल्ली आये तो मेरी उनसे फोन पर बात हुई। उन्होंने…
एक व्यक्ति, अपनी पत्नी को जिसके चेहरे की हालत बहुत खराब व बिगड़ी हुई थी, गुरूजी के पास लेकर आया और उन्हें बताते हुए प्रार्थना करने लगा कि गुरुजी यह…
प्रत्येक बड़े वीरवार के दिन, गुरूजी से आशीर्वाद लेने वाले लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती ही चली जा रही थी। इस तरह दिन-ब-दिन लोगों की बढ़ती हुई संख्या को देखते…
गुरुपूर्णिमा का समय था। मुम्बई से ‘वीरजी’ के नेतृत्व में मुम्बई स्थान के लोगों के एक ग्रुप में दिनेश भंडारे जो आध्यात्मिक ज्ञान का जिज्ञासु था, अपने दिमाग में सिर्फ…
प्रत्येक बड़े-वीरवार से पहले आने वाले बुद्धवार रात को माता जी, सभी शिष्यों और सेवादारों को स्वयं खाना खिलाती थी। मैं भी रात के समय गुड़गाँव पहुंचा और माताजी को…
गुरुजी अपने कमरे में बैठे थे, मैं भी अन्य शिष्यों के साथ उनके पास बैठा था। संतलाल जी, गुरुजी के प्रिय शिष्यों में से एक हैं। जब गुरुजी प्रसन्न-मुद्रा (Light…
गुरुजी, श्रीनगर में थे और उनकी जीप मे अचानक कोई खराबी आ गई। अतः हम, लाल चौक पर स्थित एक मोटर पार्टस की दुकान पर गये। हमने दुकानदार से अपनी…
सुरेन्द्र तनेजा के बड़े भाई ने अपने तथा सुरेन्द्र के बेटे का मुन्डन समारोह करने का प्रोग्राम बनाया और उसके लिए दिन भी तय कर दिया। सुरेन्द्र इस समारोह के…
दरियागंज में मेरा एक शोरूम था। जहाँ बर्तन तथा अन्य सामान का व्यापार होता था। कई बार गुरुजी की विशेष कृपा होती और वे हमें आशीर्वाद देने के लिए, वहीं…
गुरुजी, अपने ऑफिस में थे और सुरेन्द्र तनेजा भी उनके साथ था। गुरुजी के सहकर्मियों ने गुरुजी से तीन सौ रुपये कमेटी (Committee Contribution) में, उनके मासिक अंशदान के लिए…
गुरुजी स्थान के मुख्य द्वार पर खड़े थे और स्थान पर बैठे लोग, एक-एक करके गुरुजी को अपनी-अपनी समस्याएं बता रहे थे और गुरुजी उन्हें आशीर्वाद दे रहे थे। तभी…
एक बार मैं और मेरे अलावा श्री आर. पी. शर्मा, एफ. सी. शर्मा जी व नदौन के संतोष तथा और भी कई शिष्य, रात को गुड़गाँव स्थान पर रुके। करीब…
मैंने अपनी फैक्ट्री में, अपनी समझ के अनुसार, सिंक की एक डाई बनाई। जब उसको हाईड्रॉलिक प्रैस पर लगाकर चलाया तो वह असफल हो गई। मेरे मुख्य टेक्नीशियन ने बहुत…
गुरूजी ने फैसला किया कि वे अपना घर बनायेंगे ताकि वहाँ सेवा कार्य में कोई विघ्न न डाल सके। जैसा कि बड़े वीरवार के दिन, शिवपुरी के किराये के मकान…
दिमाग की बीमारी से ग्रस्त एक व्यक्ति, गुरूजी के पास आया। उसे डाक्टरों की तरफ से जवाब मिल चुका था और डॉक्टरों के अनुसार उसकी ज़िन्दगी, सिर्फ पन्द्रह दिन ही…
गुरुजी के परमशिष्य श्री आर. पी. शर्मा को उनके घर से टेलीग्राम आया कि उनकी माताजी अंतिम सासें ले रही हैं और उन्हें तुरन्त अलीगढ़ बुलाया है। उसी समय वे…
रात का समय था, मैं कुछ अन्य शिष्यों के साथ गुरूजी के कमरे में उनके पवित्र चरणों में बैठा था। गुरूजी रात के दो बजे तक हम पर आध्यात्मिक-ज्ञान और…
अस्सी के दशक की बात है। गुरुजी गोल मार्किट स्थित आहूजा के फ्लैट में थे। मैं उनके दर्शन करने व आशीर्वाद लेने के लिये उनके पास पहुंचा। वहाँ बहुत से…
ब्रह्मज्ञान के लिये वैसे तो, गुरुजी के द्वार, हर किसी के लिये खुले थे लेकिन लोग इनके पास विभिन्न प्रकार की इच्छाएँ और विभिन्न कारणवश आते थे, जिनमें से—– कुछ…